गुंजन शर्मा
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) लद्दाख के पहाड़ों में स्थित ड्रुक पद्मा कार्पो स्कूल, जिसे 'रैंचो स्कूल' के नाम से भी जाना जाता है, ने आखिरकार अपनी स्थापना के 20 साल बाद सीबीएसई से मान्यता प्राप्त कर ली है। यह मान्यता कई वर्षों की देरी और अस्वीकृतियों के बाद मिली है।
यह स्कूल, जो 2009 में आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' के माध्यम से प्रसिद्ध हुआ, पहले जम्मू-कश्मीर राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड (जेकेबीओएसई) से संबद्ध था।
हाल ही में लागू की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत पारंपरिक शिक्षण विधियों से हटकर नए तरीकों पर जोर देने के लिए सुधारों का प्रस्ताव किया गया है। इस स्कूल ने पहले ही अपने नवीन शिक्षण तरीकों के लिए पहचान बना ली है और अब कक्षा 12 तक विस्तार करने की योजना बना रहा है।
स्कूल की प्रधानाचार्य मिंगुर आंगमो ने बताया, "कई वर्षों की देरी के बाद हमें सीबीएसई से मान्यता मिली है और कक्षा 10 के पहले बैच के छात्र अब अपने बोर्ड परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा और उत्कृष्ट परिणाम रिकॉर्ड हैं, फिर भी कई प्रयासों के बावजूद हमें जेकेबीओएसई से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं मिल सका।"
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के मानदंडों के अनुसार, स्कूलों को संबंधित राज्य बोर्ड से 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' की आवश्यकता होती है।
लद्दाख को केंद्र-शासित प्रदेश का दर्जा मिलने से पहले से ही स्कूल मान्यता प्राप्त करने की कोशिश कर रहा था।
आंगमो ने कहा, "हम बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहे हैं और 2028 तक कक्षा 11 और 12 शुरू करने की योजना बना रहे हैं। हम अपने शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित कर रहे हैं, ताकि वे छात्रों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ा सकें। हमारे शिक्षण तरीके पारंपरिक कक्षा शिक्षण से भिन्न हैं और सीबीएसई ने एनईपी के बाद अपनी शिक्षा पद्धति में सुधार किया है, इसलिए हमारे लिए दोनों को मिलाना आसान होगा।"
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